16 साल बाद जीयूजेसीओसी को मिली राष्ट्रपति की मंजुरी, जाने क्या हैं ये विधेयक
आंतकवाद एक ऐसा दंश एक ऐसा ज़हर एक ऐसी दहशत है। जिसका नाम ही खौफज़दा करने के लिए काफी है।
आतंकवाद चाहे वो वैश्विक हो या घरेलू इसका नाम सुनते ही खौंफ और दर्दनाक चीखों का मंजर आखों के सामने कौंध जाता है। आंतकवाद एक ऐसा दंश एक ऐसा ज़हर एक ऐसी दहशत है। जिसका नाम ही खौफज़दा करने के लिए काफी है। इन दिनों आतंकवाद के कई चेहरे कई रूप कई तरीके और कई प्रकार हैं।
लेकिन वो जिस रूप में भी समाज में पनपता है। समाज में अपनी पैठ बनाता है। समाज को लहूलुहान करता है। वो यकीनन नाकाबिले बर्दाश्त है और उसकी पीड़ा समाज से लेकर देश और दुनिया महसूस करती है। ऐसे में ये जरूरी ही नही बल्कि अपरिहार्य है कि आतंक का सिर्फ खात्मा ही न हो बल्कि समूल नाश हो आतंक की जड़ो पर सीधा प्रहार हो ताकि ये पनपने ही न पाये।
गुजरात आतंकवाद और संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक’ को राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी है।
देश में मौजूदा दौर में आतंकवाद रोधी कई कानून है। जिसमें समय समय पर संशोधन भी होते रहे हैं। इसी कड़ी में आतंकवाद निरोधक कानून ‘गुजरात आतंकवाद और संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक’ को राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी है। Read More
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