Friday, June 21, 2019

जाने क्या है बाइक बोट स्कीम घोटाला, कब और कैसे हुई थी शुरूआत



साल 1998 में काशीपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुके संजय भाटी ने साल 2010 में ही गर्वित इनोवेटव प्रमोटर्स लिमिटेड की शुरुआत की थी।

नोएडा। साल 1998 में काशीपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुके संजय भाटी ने साल 2010 में ही गर्वित इनोवेटव प्रमोटर्स लिमिटेड की शुरुआत की थी। चीती गांव में सबसे पहला इसका दफ्तर बनाया गया था। वर्ष 2017 में गैंग ने बाइक बोट स्कीम पहली बार लांच की थी व उसका पहला दफ्तर नोएडा सेक्टर-15 में खुला था।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बीते शुक्रवार को बताया कि अब तक जांच में करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा होना प्रतीत हो रहा है। एसआइटी की जांच में अब तक 17 बैंक खातों का इस्तेमाल होने की जानकारी मिली है। उन सभी बैंक खातों की जांच कराई गई, लेकिन उन खाते में कोई विशेष रकम नहीं मिली। करीब छह सौ करोड़ रुपये दूसरी कंपनी में डायवर्ट करने की जानकारी एसआइटी को मिली है। बाइक कंपनी के निदेशकों ने चेक व अन्य तरीके से बड़े स्तर पर लग्जरी वाहन भी खरीदे हैं।
बता दें कि एसएसपी ने बताया कि बाइक बोट का कंपनी का कारोबार नोएडा से बाहर यूपी के कई शहर के अलावा कई प्रदेश में फैला हुआ था। यूपी के बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कानपुर, बनारस, लखनऊ के अलावा हरियाणा में गुरुग्राम, रोहतक, पानीपत, पंजाब में पटियाला, जालंधर, राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, मध्य प्रदेश में इंदौर, महाराष्ट्र में पुणे, नासिक, उत्तराखंड में हरिद्वार, सहित अन्य कई शहरों में फ्रेंचाइजी खोली गई थी।
वहीं एसआइटी द्वारा की गई कार्रवाई में करीब पौने नौ करोड़ रुपये के वाहन सीज किये गए हैं। इस मामले की पहली एफआइआर जनवरी 2019 में दर्ज की गई। अब तक 37 एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं। इस गैंग का मुख्य आरोपित व मास्टरमाइंड संजय भाटी को पांच दिन व दूसरे आरोपित विजयपाल कसाना को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर एसआइटी पूछताछ कर चुकी है। इस दौरान कंपनी के दनकौर स्थित चीती में बनाए गए मुख्य कार्यालय में छानबीन की गई। जहां से 102 बाइकें बरामद हुईं।
इसके अलावा यह भी पता चला था कि आरोपितों ने पहले ही बहुत साक्ष्यों को नष्ट करने के लिए कंपनी के दफ्तर में आग लगा दी थी, जिसके प्रमाण मौके से जांच टीम को मिले हैं। कंपनी द्वारा निवेशकों को लाभांश के रूप में दिए जाने वाले फर्जी चेक के करीब पांच बोरे में भरे मिले हैं। एसआइटी जांच में किसी विदेशी अकाउंट के इस्तेमाल की बात सामने नहीं आई है। हालांकि उस एंगल से भी जांच की जा रही है।
साथ ही एसएसपी ने कहा कि अक्टूबर 2018 तक इस कंपनी ने केवल पेट्रोल बाइक लांच की थी, लेकिन इसके बाद ग्राहकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ई बाइक लांच की गई। अब तक की पूछताछ में नौ से 10 हजार बाइक टैक्सी चलने की बात सामने आई है। कंपनी के जो 17 बैंक अकाउंट सामने आए हैं उसमें 10 केवल यमुना विहार स्थित एक बैंक में है। इसके अलावा नोएडा, खुर्जा, मेरठ, नगीना बिजनौर में बैंक खातों का पता लगा है। एसएसपी ने कहा कि इस मामले में जल्द ही और गिरफ्तारियां होगी व गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। आवश्यकता पड़ने पर जेल में बंद आरोपितों को फिर से पुलिस रिमांड पर लिया जा सकता है।  Read more

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