Tuesday, June 25, 2019

भारत पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, ईरान समेत इन मुद्दों पर चर्चा

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत पहुंच गए हैं।  ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव है।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत पहुंच गए हैं।  ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव के मद्देनजर पोम्पियो का यह दौरा भारत-अमेरिका संबंधों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। पोम्पियो विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस मीटिंग में भारत आतंकवाद, ईरान और एंटी एयरक्राफ्ट सिस्टम S-400 पर अपनी राय अमेरिका को बताएगा। अमेरिका  के  विदेश मंत्री माइक पोम्पियो रूस से S-400 खरीदने की भारत की कोशिशों का विरोध कर रहा है और भारत को प्रतिबंध की धमकी भी दी है।
भारत पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, ईरान समेत इन मुद्दों पर चर्चा
बता दें कि पीएम मोदी की दूसरी पारी में भारत और अमेरिका की ये पहली आधिकारी वार्ता है। ये मीटिंग ऐसे वक्त में हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच कई विवादास्पद मुद्दे हैं, जिनका समाधान दोनों देशों को खोजना है। कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि पोम्पियो और एस जयशंकर के बीच बातचीत का कोई पूर्व निर्धारित एजेंडा नहीं है और बातचीत की टेबल पर ही मुद्दे और उनके समाधान आगे बढ़ेंगे।
पोम्पियो की मीटिंग के दौरान अमेरिका द्वारा ईरान पर प्रतिबंध और भारत पर उसके असर का मुद्दा जोर-शोर से आएगा। भारत और अमेरिका के बीच ये मीटिंग तब हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर नए सिरे से कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। भारत ने इस वक्त तेहरान से कच्चे तेल के ऑर्डर पर रोक लगा दी है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि तेल का आयात इस बिजनेस में लगी कंपनियों का एक व्यावसायिक फैसला है, और ये उन्हें ही फैसला लेना है कि वे तेहरान से व्यापार जारी रखते हैं अथवा नहीं। हालांकि माना जा रहा है कि इस वक्त भारतीय कंपनियां खुद ईरान से तेल आयात नहीं करना चाहती हैं क्योंकि इससे अमेरिका के अलावा दूसरे देशों के साथ भी उनके व्यावसायिक हितों पर असर पड़ता है. ऐसा व्यापारिक दुनिया में अमेरिका के दबदबे के चलते होता है।
वहीं एक अन्य सूत्र ने बताया कि अमेरिका के साथ बातचीत इस मुद्दे पर होगी कि यूएस, भारत की तेल जरूरतों की वैकल्पिक सप्लाई के लिए क्या रास्ते निकाल सकता है। माना जा रहा है कि इस मामले में भारत का फैसला अपनी ऊर्जा जरूरतों और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर लिया जाएगा. कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनका समाधान एक बार की वार्ता में नहीं निकलने वाला है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत एक सकारात्मक रुख के साथ बातचीत की मेज पर जाएगा ताकि आपसी सहमति के आधार पर मुद्दे सुलझाए जा सकें.
S-400 एयर डिफेंस मिसाइल डील पर US की आपत्ति
भारत अपने पुराने दोस्त रूस से 5 बिलियन अरब डॉलर की लागत से मिसाइल हमलों से रक्षा देने वाला कवच खरीद रहा है। रूस के साथ इतने भारी-भरकम सौदे से अमेरिका नाराज है. हालांकि कूटनीतिक सूत्र बताते हैं कि भारत इस सौदे से किसी भी हालत में पीछे नहीं हटने वाला है। जबकि अमेरिका भारत पर Countering American Adversaries Through Sanctions Act के तहत प्रतिबंध लगाने की धमकी दे चुका है।`

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