Sunday, June 30, 2019

अरब सागर में बढ़ी रॉ की चौकसी, पाकिस्तान की सांठ-गांठ पर शिकंजा कसने की कोशिश


अरब सागर में चीन और पाकिस्तान की सांठ-गांठ के बढ़ते प्रभाव पर शिकंजा कसने की कोशिश हो रही है रॉ।

अरब सागर में चीन और पाकिस्तान की सांठ-गांठ के बढ़ते प्रभाव पर शिकंजा कसने की कोशिश में भारत की वैदेशिक खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग समुद्री खुफिया तंत्र को मजबूत बना रही है। एजेंसी अरब सागर क्षेत्र को लेकर ज्यादा चौकस है। वर्तमान आरएडब्ल्यू चीफ सामंत गोयल चीन-पाक मामलों के विशेषज्ञ हैं और उनको एजेंसी में 18 साल का अनुभव है। वह अरब सागर में अब भारत की चौकसी बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
बता दें कि आठ महीने महले मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल में मालदीव की राजधानी माले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस का विदेशी केंद्र बन गया था। बता दें कि अब्दुल्ला यामीन और इब्राहिम मोहम्मद सालेह मालदीव के दो शीर्ष नेता हैं। अब्दुल्ला यामीन को चीन तो इब्राहिम मोहम्मद को भारत समर्थक माना जाता है। फिलहाल इब्राहिम मोहम्मद सालेह मालदीव के राष्ट्रपति हैं। 
आठ महीने महले मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल में मालदीव की राजधानी माले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस का विदेशी केंद्र बन गया था। बता दें कि अब्दुल्ला यामीन और इब्राहिम मोहम्मद सालेह मालदीव के दो शीर्ष नेता हैं। अब्दुल्ला यामीन को चीन तो इब्राहिम मोहम्मद को भारत समर्थक माना जाता है। फिलहाल इब्राहिम मोहम्मद सालेह मालदीव के राष्ट्रपति हैं।
रॉ की एक गोपनीय रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारतीय एजेंसी ने मालदीव में आईएसआई के डिजाइन को नाकाम कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी खुफिया एजेंसी मिनिस्ट्रीय ऑफ स्टेट सिक्योरिटी और मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के कुछ करीबी सहयोगियों के साथ मिलकर आईएसआई माले स्थित पाकिस्तानी दूतावास से संचालित भारत विरोधी गतिविधियों को प्रोत्साहन दे रही थी। यामीन कथित तौर पर एक वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक के संपर्क थे और बाद में चीनी एजेंसी के फंदे में आ गए। Read more

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