Friday, June 7, 2019

ऑस्ट्रेलिया में बड़े मीडिया संस्थानों पर छापेमारी, पत्रकार कर रहें है विरोध



प्रमुख मीडिया संगठनों पर इस हफ्ते हुई पुलिस छापेमारी के बाद ऑस्ट्रेलिया की लोकतांत्रिक साख सवालों के घेरे में आ गई है। इस वाकये के बाद पत्रकारों और उनके सूत्रों को तत्काल ज्यादा संरक्षण दिए जाने की मांग उठने लगी हैं। noida news  noida news   noida news   noida news   noida news   noida news 

पुलिस ने मंगलवार को कैनबरा की एक वरिष्ठ पत्रकार के घर की तलाशी ली थी। ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों की जासूसी कराने की सरकार की गोपनीय योजना के बारे में इस पत्रकार ने पिछले साल एक खबर लिखी थी और पुलिस ने संभवत: इसी खबर से जुड़ी सूचनाएं तलाशते हुए उनके घर पर छापेमारी की।  noida news   noida news   noida news   noida news   noida news   noida news 
इसके अगले दिन यानी बुधवार को पुलिस ने देश के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रसारक ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) के मुख्यालय पर छापेमारी की।  noida news   noida news   noida news 
छापा मारने वाली टीम एबीसी के दफ्तर में आठ घंटे तक जमी रही और इस दौरान उसने ई-मेल, आलेखों के मसौदे और एक खुफिया रिपोर्ट से जुड़े पत्रकार के नोट्स खंगाले। noida news   noida news 
इस खुफिया रिपोर्ट के जरिए बताया गया था कि ऑस्ट्रेलिया के विशेष बलों ने अफगानिस्तान में निहत्थे आम लोगों को मारा था। दो पेन ड्राइव में वे ढेरों दस्तावेज लेकर चले गए, जिससे राजनीतिक विवाद पैदा हो गया और सरकार पर जवाबदेही से बचने के आरोप लगने लगे। noida news   noida news   noida news 
सिडनी स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से जुड़े प्रोफेसर पीटर मैनिंग ने कहा कि इससे खुलासा हो रहा है कि ऑस्ट्रेलिया लोकतांत्रिक दुनिया के सबसे गोपनीय प्रशासनों में से एक है। उन्होंने कहा कि सरकार असाधारण तरीके से पारदर्शिता से बचने में कामयाब रही है और इसके लिए उसने वर्ष 2001 से ही निजता, राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद से मुकाबले से जुड़े 50 से ज्यादा कानूनों या संशोधनों का इस्तेमाल किया है।  noida news 
अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी मीडिया संगठनों पर हुई पुलिस छापेमारी की निंदा की है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक संपादकीय में लिखा कि यह सीधे तौर पर ‘‘निरंकुश ठगों’’ के काम करने का तरीका है। पहली छापेमारी में निशाना बनाए गए रूपर्ट मर्डोक के न्यूज कॉर्प की ऑस्ट्रेलिया इकाई के अध्यक्ष माइकल मिलर ने कहा कि जब पेशेवर न्यूज रिपोर्टिंग को अपराध बनाए जाने का जोखिम है, तब यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।
प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की सरकार ने हालिया महीनों में कानून-व्यवस्था से जड़े कई विवादित कदम उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि पुलिस की इन जांचों में कोई राजनीतिक संलिप्तता नहीं है।  noida news   noida news 

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