वायु प्रदूषण के कारण फेफड़े समय से पहले कमजोर हो जाते हैं, और ऑक्सिजन को प्रोसेस करने की उनकी क्षमता घट जाती है
करीब 3 लाख लोगों पर 5 साल तक की गई एक स्टडी में वायु प्रदूषण का हमारे फेफड़ों पर कितना बुरा असर पड़ता है यह जानने की कोशिश की गई और इस स्टडी के नतीजे हैरान करने वाले हैं। वैसे तो हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर इंसान की जीवन अवधि यानी उम्र को तेजी से कम कर रहा है। लेकिन अब इस नई स्टडी की मानें तो हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व इंसान के फेफड़ों को उम्र से पहले बूढ़ा बना रहे हैं।
तेजी से घट रही है फेफड़ों की कार्य क्षमता
फेफड़ों की उम्र बढ़ने की वजह से फेफड़े समय से पहले कमजोर हो जाते हैं और शरीर के सभी फंक्शन्स के लिए जरूरी ऑक्सिजन को प्रोसेस करने की उनकी क्षमता घट जाती है और ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होता है। वायु प्रदूषण की वजह से न सिर्फ आपके फेफड़े कमजोर हो रहे हैं बल्कि क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज (COPD) होने का खतरा भी कई गुना बढ़ रहा है। इस बीमारी में फेफड़ों में जलन और सूजन होने लगती है जिससे सांस की नली धीरे-धीरे संकरी होने लगती है जिस वजह से सांस लेने में परेशानी होने लगती है। Read more
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