Monday, July 15, 2019

फेसबुक लाएगा लिब्रा करंसी, जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को

फेसबुक ने डिटिजल करंसी लिब्रा लॉन्च करने का हाल में ऐलान किया है, डॉनल्ड ट्रंप इसे करंसी मानते ही नहीं हैं।

फेसबुक ने डिटिजल करंसी लिब्रा लॉन्च करने का हाल में ऐलान किया है तो दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इसे करंसी मानते ही नहीं हैं। फिर भी सच यही है कि डिजिटल करंसी या क्रिप्टोकरंसी की डिमांड बढ़ रही है। यह करंसी किस तरह दुनिया के अर्थशास्त्र को बदल रही है, बता रहे हैं मृत्युंजय राय…
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कोलंबिया के उपन्यासकार गैब्रिएल गार्सिया मार्खेज के चर्चित उपन्यास ‘वन हंड्रेड ईयर्स ऑफ सॉलिट्यूट’ की शुरुआत में नायक कर्नल ऑरेलियानो बुएंडिया अपने बचपन, पिता और पैतृक गांव मैकॉन्डो को याद करते हैं। वह कहते हैं कि दुनिया तब इतनी नई थी कि लोग कई चीजों के नाम तक नहीं रख पाए थे और अगर किसी को ऐसी किसी चीज के बारे में बताना होता था तो उस तरफ हाथ से इशारा करना पड़ता था। आज टेक्नॉलजी की दुनिया ऐसी ही है। इसमें आपको नित नए नाम की आदत डालनी पड़ती है और एक नाम जुबान पर चढ़ा नहीं कि दूसरा आ जाता है। इसी दुनिया में एक कोना डिजिटल करंसी या क्रिप्टोकरंसी का है, जिसमें बिटकॉइन की बादशाहत है। डिजिटल करंसी में नोट छापे नहीं जाते। ये आपके फोन या लैपटॉप पर डिजिटल वॉलेट (बटुए) में पड़े होते हैं, जिनसे आप उसी तरह से सामान खरीद सकते हैं, जैसे रुपयों या डॉलर या किसी और करंसी से खरीदे जाते हैं।
आजाद करंसी के 10 साल बिटकॉइन के बाद एथेरियम, लाइटकॉइन, रिपल जैसी इस तरह की कई करंसी आ चुकी हैं। इनमें से सबसे लोकप्रिय बिटकॉइन है, जिसे 10 साल पहले सातोशी नाकामोतो ने लॉन्च किया था। उनकी असली पहचान आज तक कोई नहीं जानता। इसकी कहानी 2008 के अमेरिकी वित्तीय संकट से शुरू हुई थी, जिसने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया था। इस संकट की वजह से कुछ समय के लिए लोगों का बैंकों समेत वित्तीय संस्थानों से भरोसा उठ गया था। इसी वजह से दुनिया की पहली आजाद करंसी बिटकॉइन वजूद में आई। उससे पहले यह दर्जा गोल्ड को हासिल था। बिटकॉइन का आजाद होना ही इसकी सबसे बड़ी खूबी है। रुपये, डॉलर या यूरो की तरह इसे कोई सेंट्रल बैंक (जैसे भारत में आरबीआई और अमेरिका में फेडरल रिजर्व बैंक) नियंत्रित नहीं करता। थिअरी के लिहाज से इसका मतलब यह है कि जिस तरह से बढ़ती महंगाई के चलते रुपये या डॉलर में जमा रकम की वैल्यू घटती रहती है, अगर आप बिटकॉइन में पैसा जमा करें तो वैसा नहीं होगा। वैसे, यह अभी तक थिअरी ही साबित हुई है। Read more

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